76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य आयोजन

बड़ी सादड़ी:- एक बार पुनः दृश्यमान होगी शामियानों की सुंदर नगरी, संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा (हरियाणा) के विशाल मैदानों में जहां 76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के रूप में दिखेगा सार्वभौमिक भाईचारे एवं विश्व बंधुत्व का अनुपम स्वरूप !

76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य आयोजन

'28 से 30 अक्टूंबर'

 10सितंबर

राम सिंह मीणा रघुनाथपुरा

बड़ी सादड़ी:- एक बार पुनः दृश्यमान होगी शामियानों की सुंदर नगरी, संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा (हरियाणा) के विशाल मैदानों में जहां 76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के रूप में दिखेगा सार्वभौमिक भाईचारे एवं विश्व बंधुत्व का अनुपम स्वरूप !

उक्त विचार निरंकारी मिशन दिल्ली की ब्रांच बड़ी साड़ी के मीडिया सहायक राधेश्याम रेगर ने कही

यह आध्यात्मिक संत समागम सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजापिता जी के पावन सानिध्य में भव्यता पूर्ण आयोजित होने जा रहा है! इस पावन संत समागम में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु और भक्तगण सम्मिलित होकर इस भव्य संत समागम का भरपूर आनंद प्राप्त करते हुए सद्गुरु के साकार दर्शन एवं पावन आशीष भी प्राप्त करेंगे!

इस वर्ष निरंकारी संत समागम का विषय है "सुकून : अंतर्मन का" जिस पर देश-विदेश से सम्मिलित हुए गीतकार वक्तागण अपने शुभ भावों को कविताओं, गीतो एवं विचारों के माध्यम से व्यक्त करेंगे और विभिन्न भाषाओं में दी गई इन प्रस्तुतियों का आनंद सभी स्तोत्र गण प्राप्त करेंगे!

निरंकारी संत समागम के पावन अवसर की प्रतीक्षा में हर श्रद्धालु भक्त कि केवल यही हार्दिक इच्छा रहती है की कब संत समागम का आयोजन हो और कब वह इस सुअवसर का साक्षी बने! यह संत समागम निरंकारी मिशन द्वारा दिए जा रहे सत्य, प्रेम, और शांति के दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुंचाने हेतु एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से समूचे संसार में समानता, सौहार्द एवं प्रेम का सुंदर स्वरूप प्रदर्शित कर रहा है! वर्तमान समय में जिसकी नितांत आवश्यकता भी है!

संत निरंकारी मिशन का पहला समागम सन 1948 में मिशन के दूसरे गुरु शहंशाह बाबा अवतार सिंह जी के नेतृत्व में दिल्ली के पहाड़गंज में हुआ! उसके उपरांत शहंशाह जी ने अपने प्रेम से संत समागम की श्रृंखला को गति प्रदान करी! तदोपरांत बाबा गुरु वचन सिंह जी ने सहनशीलता और नम्रता जैसे दिव्या गुणो द्वारा इसका और अधिक रूप में विस्तारण किया! अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन दिव्य मानवीय मूल्यों को ख्याति प्रदान करवाने में बाबा हरदेव सिंह जी ने अपना अहम योगदान दिया जिसके परिणाम स्वरूप आज समूचे विश्व में मिशन की लगभग 3,485 शाखाएं हैं! आध्यात्मिकता की इस पावन ज्योति को जन-जन तक पहुंचाने हेतु सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी ने भी अथक प्रयास किये और अपने कर्तव्यों को बखूबी रूप में निभाया! वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ब्रह्म ज्ञान की इस दिव्य रोशनी को विश्व के प्रत्येक कोने में एक नई ऊर्जा के साथ संचारित कर रहे हैं!

यह दिव्य संत समागम शांति, समरसता, विश्व बंधुत्व, और मानवीय गुणों का एक ऐसा सुंदर प्रतीक है जिसका एकमात्र लक्ष्य "एकत्व में सदभाव"तथा शांति की भावना को प्रदर्शित करना है!