बाल विवाह, बाल श्रम और नशावृति समाज के विकास में बाधक - एसपी* *(जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम प्रारम्भ )*

चित्तौडगढ़, 10 जुलाई। पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ, चित्तौडगढ श्री मुकेश सांखला एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह के मार्गदर्शन में बाल संरक्षण विषयों पर व्यापक जागरूकता के लिए वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रमों का शुभारम्भ मंगलवार को राजकीय बालिका विद्यालय गोल प्याउ से किया गया। 

बाल विवाह, बाल श्रम और नशावृति समाज के विकास में बाधक - एसपी*  *(जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम प्रारम्भ )*
बाल विवाह, बाल श्रम और नशावृति समाज के विकास में बाधक - एसपी*  *(जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम प्रारम्भ )*
बाल विवाह, बाल श्रम और नशावृति समाज के विकास में बाधक - एसपी*  *(जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम प्रारम्भ )*

*बाल विवाह, बाल श्रम और नशावृति समाज के विकास में बाधक - एसपी*

*(जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम प्रारम्भ )*

चित्तौडगढ़, 10 जुलाई। पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ, चित्तौडगढ श्री मुकेश सांखला एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह के मार्गदर्शन में बाल संरक्षण विषयों पर व्यापक जागरूकता के लिए वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रमों का शुभारम्भ मंगलवार को राजकीय बालिका विद्यालय गोल प्याउ से किया गया। 

     कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी ने उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि वर्तमान समय में भी कई क्षेत्रों में बाल विवाह, बाल श्रम और बाल नशावृति की समस्याएं देखने को मिलती हैं, इस प्रकार की समस्याएं ना केवल समाज अपितु पूरे देश के विकास में बाधक होती हैं। उन्होने बताया कि सभी के सम्मिलित प्रयासों के माध्यम से इन बुराइयों को दूर किया जा सकता है, जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से जागरूकता के लिए जिले के सभी वृत्तों में नुक्कड नाटकों के माध्यम से जागरूकता के प्रयास किए जा रहे है। उन्होने उपस्थित आमजन तथा प्रतिभागियों को बताया कि वर्तमान समय में बालकों में यातायात नियमों के उल्लघन, साइबर अपराधों, नशावृति, बाल श्रम तथा बाल विवाह जैसी समस्याओं से सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से ही रोक लगाई जा सकती है। उन्होने उपस्थित प्रतिभागियों से अपने आस-पास के क्षेत्र में बाल नशावृति, बाल श्रम बाल विवाह जैसी घटनाओं की सूचना प्रशासन एवं पुलिस को देने तथा साइबर अपराधों के मामलों में हेल्पलाईन 1930 सहित साइबर पुलिस थाने पर त्वरित रूप से रिपोर्ट करने के लिए निर्देश दिए। उन्होने बताया कि साइबर अपराधों के मामलों में वित्तीय हानि होने की स्थिति में त्वरित रूप से की गई रिपोर्ट धन वापसी में सहयोगी हो सकती है। कार्यक्रमों के आयोजन में उदयपुर रेंज पुलिस और युनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम अंतर्गत तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया गया।

     कार्यक्रम के दौरान युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार - श्रीमती सिन्धु बिनुजीत ने उपस्थित प्रतिभागियों से संवाद स्थापति करते हुए जिले में बालकों तथा किशोर वर्ग में व्याप्त मुख्य समस्याओं पर प्रकाश डाला एवे बताया कि समाज और समुदाय में वर्तमान समय में भी बाल श्रम, बाल विवाह और नशा वृति की समस्याएं देखने को मिलती हैं जिन्हे दूर करने के लिए समुदाय में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होने विभिन्न घटनाओं के उदाहरणों से प्रतिभागियों को साइबर अपराधों, बाल लैंगिक दुर्व्यवहार, ऑनलाईन दुर्व्यवहार एवं यातायात सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। 

     कार्यक्रम के दौरान डूंगरपुर जिले के आसपुर से बहुमुखी सांस्कृतिक मंच के कमलेश बामनिया एवं टीम द्वारा नुक्कड नाटकों का मंचन किया गया जिनमें प्रथम नुक्कड नाटक में बाल श्रम एवं बाल विवह के दुष्प्रभावों तथा रिपोर्ट करने के तरीकों के बारे में बताया गया। इसी प्रकार दूसरे नाटक में यातायात सुरक्षा और नशावृति की रोकथाम के लिए समाज की भूमिका और नशावृति के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। नुक्कड नाटक के दौरान मुख्य कलाकार द्वारा यमराज की भूमिका में यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले युवाओं को आमजन से समझाइश की गई। 

     कार्यशाला के अंत में वृत्ताधिकारी चित्तौड़गढ़ तेज कुमार पाठक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में चित्तौडगढ वृत्त के 150 से ज्यादा आमजन एवं समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित रहें। जागरूकता कार्यक्रमों को सभी वृत्तों में दिनाक वार आयोजित किया जाएगा जिनमें अधिक से अधिक लोगो को जानकारी देकर जागरूकता के प्रयास किए जा रहे हैं।