राजस्थान के रेगिस्तानी जिलों में बदला आपदा का नक्शा, बीकानेर बना हाई रिस्क ज़ोन

जोधपुर/जयपुर
जहां एक ओर राजस्थान का जैसलमेर जिला अब तक सबसे अधिक रेगिस्तानी और शुष्क माना जाता था, वहीं एक ताजा वैज्ञानिक अध्ययन ने इस अवधारणा को चुनौती दी है। केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI) ने 46 वर्षों बाद एक नई रिपोर्ट तैयार कर राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) को सौंपी है, जिसमें राजस्थान के रेगिस्तानी जिलों में बाढ़ के खतरे को लेकर जिलेवार विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है कि जैसलमेर की तुलना में बीकानेर में बाढ़ का खतरा कहीं अधिक है। जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित अतिक्रमण और खराब जल प्रबंधन इसके प्रमुख कारण बताए गए हैं।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
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बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जैसे जिले अब अत्यधिक वर्षा और फ्लैश फ्लड के लिहाज से संवेदनशील माने जा रहे हैं।
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जैसलमेर और बाड़मेर, जो पारंपरिक रूप से अत्यंत शुष्क माने जाते हैं, अब अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले ज़िले बन गए हैं।
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जल निकासी ढांचे की कमी, तेज़ शहरीकरण और खेतों में जलभराव भी बाढ़ जोखिम को बढ़ा रहे हैं।
क्या है CAZRI की रिपोर्ट का महत्व?
CAZRI द्वारा यह रिपोर्ट लगभग 46 साल बाद तैयार की गई है। पिछली बार वर्ष 1978 में एक ऐसा सर्वेक्षण किया गया था। इस रिपोर्ट में भू-आकृतिक, जलवायु, वर्षा पैटर्न, भूजल स्तर और भूमि उपयोग जैसे कई मानकों के आधार पर आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।
संस्थान ने रिपोर्ट में सरकार से आग्रह किया है कि वह बाढ़ पूर्व चेतावनी तंत्र, सिंचाई जल निकासी सुधार, और रेगिस्तानी जिलों के लिए विशेष योजना तैयार करे।
प्रभावित जिलों में प्रशासन अलर्ट पर
रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट किया है। आपदा प्रबंधन विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह संभावित बाढ़ आपदा योजना को सक्रिय करें और निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क किया जाए।
निष्कर्ष
जलवायु परिवर्तन के इस दौर में अब यह धारणा बदल रही है कि रेगिस्तानी क्षेत्र केवल सूखा ही झेलते हैं। बीकानेर जैसे जिले, जहां कभी पानी के लिए संघर्ष होता था, अब वहां अधिक वर्षा और बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने की चुनौती सामने आ रही है। CAZRI की यह रिपोर्ट न केवल नीतिगत बदलावों की मांग करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाओं की परिभाषा अब बदल रही है।