दिल धड़क रहा है आ गई हैं बहारें। 

दिल धड़क रहा है आ गई हैं बहारें। 

गजल

-टेकनारायण रिमाल”कौशिक”

दिल धड़क रहा है आ गई हैं बहारें। 

दृग तरस रहे हैं देखने को नज़ारे। 

रुत बहुत हसीं है आप भी आइए ना!

खुब चमक रहे हैं आसमां पे सितारे। 

अगर तुम न आई तो कहाँ जाउँगा मैं!

सिसक सिसक रोता प्यार मेरा पुकारे। 

गर झिझक न हो तो हाथ में हाथ देना

हम-क़दम बनेंगे तो बनेंगे सहारे।

ख़बर मिल गई है रोक लेगा ज़माना

मगर इस जहाँ में इश्क़ वाले न हारे। 

Take Naeayan Rumal“Kaushik”

No;62/68 4th flour 

Pabedan Tounship 

Lower blk.

Yangon Myanamar