नेशनल कांफ्रेंस में पूजा सोनी ने किया शोध पत्र प्रस्तुत

नेशनल कांफ्रेंस में पूजा सोनी ने किया शोध पत्र प्रस्तुत

जयपुर

l शोधार्थी पूजा सोनी ने "व्यावसायिक जोखिम से होने वाले सामाजिक आर्थिक संकट- दौसा जिले के पत्थर श्रमिकों की विधवाओं पर व्यक्तिक अध्ययन" विषय पर अपना शोध पत्र राजस्थान विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग द्वारा UGC SAP DRS III के अंतर्गत आयोजित दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया। यह कॉन्फ्रेंस "सतत विकास व गुणवत्तापूर्ण जीवन" विषय पर आयोजित की गई।

पूजा सोनी ने पत्थर नक्काशी श्रमिको की कम उम्र में सिलिकोसिस बीमारी के कारण हुई मौत से हुई विधवाओं के सामाजिक ,आर्थिक संकट का विस्तृत और वैज्ञानिक विधि द्वारा विश्लेषण किया | शोधार्थी ने पाया कि पत्थर नक्काशी श्रमिको की सिलिकोसिस बीमारी के कारण कम आयु में मृत्यु हो जाने से यहां विधवा दर सामान्य से ज्यादा पाई गई |शोधार्थी ने अध्ययन क्षेत्र ग्राम गीजगढ़ की  कम उम्र की विधवाओं का सरकारी योजनाओं की जानकारी के अभाव के फलस्वरूप कोई आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता है और फलस्वरूप सामाजिक, आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ता है|  पूजा सोनी ने विभिन्न सरकारी प्रयासों की जानकारी देकर जागरूकता का संचार किया ताकि इनमें सामाजिक,आर्थिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया जा सके | 

सिलिकोसिस रोग सिलिका मिश्रित धूल के संपर्क के कारण होता है फेफड़ों से संबंधित रोग है, 

शोधार्थी पूजा सोनी ने अध्ययन में सरकारी आंकड़ों के आधार पर पाया कि राज्य में सिलिकोसिस पीड़ित एवं उनके परिवार जनों की सहायता पुनर्वास के लिए दिनांक 3 अक्टूबर 2019 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान सिलिकोसिस नीति 2019 लागू की गई राजस्थान न्यूमोनोकोनोसिस ( सिलिकोसिस ) समिति गठित की गई , वर्तमान में दिए जा रहे आर्थिक लाभ - सिलिकोसिस रोग के प्रमाणीकरण पर राशी रुपए 3 लाख मृत्यु उपरांत परिवारजनों को राशि रुपए 2 लाख , सिलिकोसिस विधवा पेंशन - 55 वर्ष तक 500 रुपए प्रतिमाह ,55 - 60 वर्ष तक 750 प्रतिमाह, 60- 75 वर्ष तक की आयु 1000 प्रतिमाह, 75 वर्ष से अधिक 1500 रुपए प्रतिमाह , सिलिकोसिस पीड़ित परिवार को पालनहार योजना में लाभ - बच्चों को दिए जा रहे हैं राशि 500 रु (6 वर्ष ) तक, राशि 1000 (6 - 18 वर्ष ) तक, राशि 2000 रु प्रत्येक बच्चे को वार्षिक एकमुश्त सहायता। 

शोधार्थी पूजा सोनी समाजशास्त्र  विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि जैन, राष्ट्रीय संगोष्ठी संयोजक डॉ. अमिथी जसरोटिया, डॉ. मोनिका राव ,सह- संयोजक, डॉ.करुणाकर सिंह एवम समस्त विद्वानजनों का शोध - पत्र प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करने के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त किया | अनुसंधान कार्य में भागीरथ फुले सेना सेवा समिति दौसा के अध्यक्ष हरकेश बिंदरवाड़ा ने सहयोग किया। यह शोध कार्य डॉ अमिथी जसरोटिया असिस्टेंट प्रोफेसर ,समाजशास्त्र विभाग ,राजस्थान विश्वविद्यालय के निर्देशन में किया गया