खुदरा उर्वरक विक्रेता सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम परीक्षण का शुभारंभ..
रिपोर्टर बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा
10 मई
चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केंद्र चित्तौड़गढ़ द्वारा आयोजित 15 दिवसीय खुदरा उर्वरक विक्रेता पाठ्यक्रम प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि माननीय श्री नाना लाल चावला मुख्य प्रबंधक केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड चित्तौड़गढ़ ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों को आव्हान किया कि वे सच्ची लगन एवं निष्ठा से अपने व्यवसाय के साथ किसानों को सही समय पर सही सुझाव देकर अप्रत्यक्ष रूप से उनके लिए बदलाव अभिकर्ता के रूप में सहायता करें उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के उपरांत सभी उर्वरक विक्रेताओं को किसानों से सीधा संपर्क स्थापित कर विभिन्न प्रकार की नवीनतम एवं आधुनिक कृषि तकनीकी को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए उनकी आमदनी को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए इस अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री चावला ने सभी प्रतिभागियों से आव्हान किया कि ज्ञान को सीखने की कोई उम्र नहीं होती आप प्रतिभागियों को कृषि संबंधित नवीनतम साहित्य एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के संपर्क में रहना चाहिए ताकि कृषि में हो रहे नवा चारों द्वारा आप लोग किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित कर सकें इस अवसर पर उप निदेशक उद्यान डॉ शंकर लाल जाट ने प्रशिक्षणार्थियों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग एवं मृदा जांच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पोषक तत्व प्रबंधन समन्वित पोषक तत्व के लाभ, जैविक खेती और उसके लाभ कार्बनिक खेती आदि के बारे में भी चर्चा की / उप निर्देशक आईपीएम चित्तौड़गढ़ श्री ओम प्रकाश शर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों को उर्वरक उपयोग दक्षता बढ़ाने के उपाय सुझाए तथा टिकाऊ खेती समन्वित कृषि पद्धति की फसल विविधीकरण आदि विषयों पर जानकारी देकर उनका ज्ञान वर्धन किया l प्रशिक्षण समन्वयक डॉ रतन लाल सोलंकी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि इस प्रशिक्षण में जिले की विभिन्न पंचायत समितियों एवं ग्रामीण क्रय विक्रय सहकारी समितियों से कुल 35 परीक्षार्थि भाग ले रहे हैं जिन्हें उर्वरक सर्टिफिकेट कोर्स संबंधित सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक जानकारी प्रदान की जावेगी डॉक्टर सोलंकी ने सीबीआई एंड डब्लू कांसेप्ट पर बात करते हुए कस्टमाइज उर्वरक, संतुलित उर्वरक एवं समन्वित उर्वरक प्रबंधन के विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला और नैनोफर्टिलाइजर्स एवं जल में घुलनशील उर्वरक के महत्व पर भी चर्चा की उन्होंने कृषि के छह प्रमुख आयामों यथा जमीन, पानी, बीज, उर्वरक मशीनीकरण, वातावरण एवं किसान के बारे में भी बताया और कहा कि हमारे देश में किसान सर्वोपरि है और उस को ध्यान में रखते हुए वारक उर्वरक विक्रेताओं को अपनी तैयारी करनी चाहिए प्रशिक्षण समन्वयक दीपा इंदौरिया ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षण का लाभ किसानों तथा पहुंचाने की अपील की ताकि प्रशिक्षण के शुभारंभ समारोह में पधारे अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही शुभारंभ के अवसर पर डॉ प्रकाश चंद्र खटीक, सहायक निदेशक उद्यान विभाग, श्री विजय सिंह कृषि अधिकारी, श्री रमेश माली सेवा निर्मित अनुभाग विभाग अधिकारी, श्री राजू लाल गुर्जर आदि इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे l