महुड़िया में ग्राम स्तरीय जैविक जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

संवाददाता बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा
9 जुन
छोटीसादड़ी कट्स मानव विकास केंद्र द्वारा स्वीडिश सोसायटी फॉर नेचर कंजर्वेशन के सहयोग से छोटी सादड़ी के गांव महुडिया में जैविक खेती के प्रोत्साहन और जैविक उत्पादों की टिकाऊ खपत को बढ़ावा देने हेतु ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें गांव के ही लगभग 52 पुरुष और महिला किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में वीडियो चलचित्र के माध्यम से जैविक खेती करने के फायदे और रसायन खेती के दुष्प्रभाव के बारे में बताया और राजीव दीक्षित के वीडियो के माध्यम से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया और केंचुए की खेती में महत्वता के बारे में विस्तार से बताया । एक एकड़ खेत के लिए जैविक खाद बनाने के लिए लगभग 10 किलो गाय या भैंस का गोबर, 10 किलो उसी गाय भैंस का मूत्र, लगभग 1 किलो कोई भी दाल का आटा, लगभग 1 किलो गुड़ और एक मुट्ठी मिट्टी जो पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे की हो, इन सब को मिलाकर घोलकर प्लास्टिक के ड्रम में पेड़ के नीचे की छांव में 15 दिन तक रखना है खेत में डालने से पहले इसमें 100 से 200 लीटर पानी मिलाकर खेत में डालना है। कट्स से आए प्रतिनिधि कमलेश जांगिड़ ने बताया कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है । रसायन खेती से होने वाली उपज का उपभोग करने से हमारे शरीर में केमिकल जाकर बहुत सारी बीमारियों का कारण बनते हैं । देखा गया है कि इन केमिकल से गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं और बच्चे अंग विहीन और विकलांग पैदा होते हैं हरित क्रांति के समय देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रसायन खेती को प्रोत्साहित किया गया जिसका दूरगामी दुष्प्रभाव देखने को वर्तमान में मिल रहे हैं अभी हमारा देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बन गया है अब हमें रसायन रहित अर्थात जैविक खेती की तरफ जाना चाहिए ताकि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ जीवन दे पाए। कट्स से पधारे संदर्भ व्यक्ति मोहनलाल मेघवाल ने किसान भाइयों को कम से कम 1 बीघा से जैविक खेती शुरू करने का आह्वान किया और धीरे-धीरे संपूर्ण खेत को जैविक बनाना है इससे हमारे खाद्यान्नों की गुणवत्ता बढ़ेगी साथ ही किसानों को अपनी फसल की अच्छी कीमत भी मिलेगी कट्स चित्तौड़गढ़ से पधारे गायत्री मोड़ ने महिला किसानों को भी जैविक खेती में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि अपने बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा बने उन्होंने इस कार्यक्रम के अंतर्गत होने वाली गतिविधियों जैसे जागरूकता कार्यक्रम, जैविक बीज बैंक, बच्चों और महिलाओं का जैविक क्लब बनाना, जैविक बगीचा विकसित करना, किसानों की ऑन फॉर्म ट्रेनिंग और एक्स्पोज़र विजिट के बारे में विस्तृत रूप से बताया।