राम न्याय प्रिय थे बाली को मारकर राज्य उसके भाई को सौंपा,स्वयं नही रखा- आर्या 

राम न्याय प्रिय थे बाली को मारकर राज्य उसके भाई को सौंपा,स्वयं नही रखा- आर्या 
बसेड़ा में कथा श्रवण करते श्रद्धालु
राम न्याय प्रिय थे बाली को मारकर राज्य उसके भाई को सौंपा,स्वयं नही रखा- आर्या 

संवादाता बंशीलाल धाकड़ राजपुरा  

25 मई

छोटी साडी:- बसेड़ा गांव में गोदड़ देव बावजी के जीवित समाधि स्थल पर चल रही श्रीराम कथा इतनी भीषण गर्मी में भी आस पास के गांवो से कड़ो जन कथा सुन रहे है। गांव के सोहन लाल अंजना ने जानकारी देते हुए बताया कि व्यास पीठ से विदुषी अंजली आर्या हरियाणा ने कथा के छठे दिन कहा था कि मां सीता त्यागी तपस्वी और सदाचारी थीं, जो अपने पति राम के साथ वन में भी सहज चली गईं,रावण हरण कर ले गया फिर भी तनिक भी धन्यवाद नहीं हुआ और अपने राम को ही धन्यवाद मानना ​​आज आवश्यक है *"देश में मां सीता सी नारियां हो तभी हमारे पुराने गौरव मान की रक्षा हो पाएगी"* उन्होंने कहा कि हनुमान जी बहुत बुद्धिशाली व बलशाली थे। दूर दूर तक सभी उन्हें राय लेते थे, उनकी पूंछ नहीं थी उनकी पहुंच थी, उन्होंने अपनी शक्ति, बुद्धि कौशल से लंका जलाई और माता सीता का पता लगाया था। " वेद मंत्रों से यज्ञ (हवन) हो रहा है

बच्चों ने आवश्यकता से ज्यादा मोबाइल नहीं देखने का संकल्प लिया"

छठे दिन वेद मंत्रों से प्रातःकाल यज्ञ किया गया,यज्ञ में आहुतियाँ देने के बाद अंजली आर्या के चित्रों में गांव के कई छोटे-छोटे शिशु बच्चियों ने संकल्प लिया कि आज से हमें आवश्यकता से अधिक मोबाइल नहीं देखना पड़ेगा। यज्ञ में छठे दिन छह जोड़ों के रूप में बद्धचन्द अंजना, दिनेश शर्मा, परमानंद प्रजापत, दशरथ व्यास, हरीश अंजना और सोहन लाल अंजना सपत्नीक इनके अलावा बच्चों ने भी हवन में आहुतियां लगाईं। कथा बसेड़ा गांव के सभी ग्रामवासियों की ओर से संचालित हो रही है जो प्रतिदिन 12 बजे से 4 बजे तक चल रही है। विशेष रूप से गोवर्धन लाल अंजना पहलवान, कारूलाल अंजना, उदयलाल अंजना पहलवान, राजमल अंजना, घनश्याम अंजना, छायाचंद अंजना, मनोहर लाल अंजना, दशरथ अंजना, ललित अंजना, जीवन अंजना, मुकेश सेन आदि व्यवस्थाएं देख रहे हैं। कथा वाचक वेद विदुषी अंजली आर्या का स्वागत अभिनंदन से बाहर आए ठाकुर महिपाल सिंह, एतराज जनवा, जगदीश जनवा, प्रभुलाल धाकड़, कारूलाल अंजना, अंबालाल मेगवाल, विनोद पाटीदार, धर्मराज पाटीदार आदि ने किया। कथा में छोटी सादड़ी और निंबाहेड़ा क्षेत्र के कई गांवों के सेकड़ों ने धर्म प्रेमी महिलाओं और पुरुषों ने कथा सुनने का लाभ उठाया।