आजादी की कीमत

।। आजादी की कीमत।।
जागो ! स्वतंत्रता दिवस आया है,
भीगता हुआ ही आया है।
भीगने का रिश्ता मानो,
इसने जन्म से ही पाया है।
सन् सैंतालीस में मिली आजादी,
बड़े जतन से नसीब हुई।
असंख्य क्रांतिवीर शहीद हुए,
तब आजादी नसीब हुई।
नेहरू पटेल सुभाष बोस,
गांधी के सपने साकार हुये ।
मां भारती अब आजाद हुई ,
सदियों से जो अत्याचार सहे।
पर आजादी के जश्न में,
मां भारती का भीगा आंचल था।
खुशी मनाने का था दिन,
खूनी नदियों से भीगा अंचल था।
खुशी हुई थी या शोक था,
पता नहीं कब क्या हुआ ।
लाल किले पर था तिरंगा,
खूनी धब्बों से सना हुआ।
न जाने कितनी मांओं की,
कोख उजड़ गई होगी।
न जाने कितनी बहनों की,
राखी टूट गई होगी।
न जाने कितनी ललनाओं का,
मिट गया सिंदूर मांग का।
न जाने कितनी बहनों की,
इज्जत लूट गई होगी ।
आजादी भी मिल गई थी,
खेल दंगों का शेष था।
भारत-पाक खूनी इतिहास,
बटवारा अभी शेष था।
दो देशों ने जन्म लिया ,
खूनी कलम से लिखा इतिहास।
भगत सिंह के सपनों का ,
अब हो रहा था सर्वनाश ।
क्या इस दिन के खातिर ही ,
फंदे पर झूले थे सेनानी।
क्या इसके लिए ही किले से,
कूद गई थी मर्दानी।
स्वर्ग लोक से जब वीरों ने ,
देखा होगा यह नजारा।
रोशन, बिस्मिल्ल लाहिड़ी की,
आत्मा बहुत रोई होगी ।
लाल बाल पाल की,
नज़रें झुक गई होगी ।
उधम सिंह के कर कमलों से,
पिस्तौल छूट गई होगी।
जलियांवाला बाग की,
याद बहुत आई होगी।
चंद्रशेखर की आजादी,
लहूलुहान हुई होगी।
मंगल पांडे बिरसा मुंडे,
खुदीराम रोया होगा ।
नाना साहब तात्या टोपे,
जफर कभी न सोया होगा।
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह,
शर्म से झुक गए होंगे।
बेगम हजरत महल के,
नैना भीग गए होंगे।
बटवारा तो था बुरा ,
पर बहुत बुरा था अत्याचार।
मजहब के नाम पर इंसानियत में,
मच रहा था हाहाकार।
ऐसे में यदि पटेल ना होते,
न जाने कितने पाक होते ,
देसी राजे स्वच्छंद हुए थे,
इरादे उनके नापाक होते।
उनके गद्दार इरादों पर,
कसना जरूरी थी नकेल।
भारत मां अखंड रहे,
बहुत जरूरी था पटेल।
बहुत जतन से देश नया बनाया था,
मां भारती के सपनों का ,
अखंड भारत बनाया था।
यों नसीब नहीं हुई आजादी,
कीमत बहुत चुकाई थी,
पर अब हमें वह याद कहां,
कितनी माताएं रोई थी।
कुछ याद होता हमें तो,
यों दंगे फसाद नहीं करते ,
भारत मां के धवल आंचल को,
खूनी धब्बों से यों गंदा ना करते।
आजादी की कीमत याद होती तो,
यों भ्रष्ट गतिविधि ना करते।
देशभक्ति को छोड़ कर,
हम समाज विरोधी ना बनते।
आओ फिर से संकल्प ले,
नया भारत बनाना है।
सोने की चिड़िया को फिर से,
विश्व गुरु बनाना है।
।।सुंदर लाल
उप निरीक्षक
राजस्थान पुलिस।।