माता-पिता से बड़ा कोई देवता नहीं, जिस पर होता है इनका आर्शीवाद, उसके बनते है हर काज- पं. शास्त्री
निम्बाहेड़ा। नगर की आदर्श कॉलोनी स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के षष्टम पाटोत्सव के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के छठे दिन शनिवार को रतलाम के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री ने व्यास पीठ से कहा कि एक ओर जहां संतान का भरण पोषण करना माता पिता का दायित्व होता है,

माता-पिता से बड़ा कोई देवता नहीं, जिस पर होता है इनका आर्शीवाद, उसके बनते है हर काज- पं. शास्त्री
*सात दिवसीय श्रीमद् देवी महापुराण कथा का आज होगा समापन*
*श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का आज होगा षष्टम पाटोत्सव*
निम्बाहेड़ा। नगर की आदर्श कॉलोनी स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के षष्टम पाटोत्सव के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के छठे दिन शनिवार को रतलाम के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री ने व्यास पीठ से कहा कि एक ओर जहां संतान का भरण पोषण करना माता पिता का दायित्व होता है,
वहीं दूसरी ओर संतान का भी यह दायित्व बनता है कि वह माता पिता को देवताओं के समान उनका मान रख उनका आर्शीवाद प्राप्त करें। उन्होने कहा कि जिस संतान पर माता पिता का आर्शीवाद होता है, उसको किसी अन्य के आर्शीवाद की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
शनिवार को आयोजित महापुराण कथा के छठे दिन कथा वाचक पंडित श्री शास्त्री ने शिव एवं पार्वती के विवाह प्रसंग सहित मां जगदम्बिका के अष्टभूजा रूप में प्राकट्य तथा उसी रूप में कौशिकी, मां चामुण्डा एवं मां कालिका के प्राकट्य की कथा संगीतमय वर्णन किया। इस दौरान ब्रह्मा, विष्णु एवं महादेव त्रिदेवों के अभिमान को भंग करने के लिए मां जगदम्बा के द्वारा अपने नख में मणी द्विप के दर्शन करवाने की कथा का वृतांत भी सुनाया।
शनिवार को आयोजित कथा की आरती के मुख्य अतिथि न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहित व्यास, कांतिचंद व्यास, ऊंकारलाल पाटीदार टाई का कथा वाचक पंडित मृदुल कृष्ण जी शास्त्री ने मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर एवं उपरना व शॉल ओढ़ाकर अभिनन्द किया, साथ अतिथियों ने पं. शास्त्री से आर्शीवाद प्राप्त किया। इस दौरान कार्यक्रम आयोजक एडवोकेट श्याम शर्मा ने भी अतिथियों का उपरना ओढ़ाकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन अशोक शर्मा ने किया।
कथा आयोजक एडवोकेट श्याम पुष्पा शर्मा ने बताया कि रविवार को कथा के अंतिम दिन मां सरस्वती, देवी राधा जी के साथ ही नवदुर्गा के प्राकट्य की कथा का वाचन किया जाएगा। एडवोकेट शर्मा ने बताया कि इसके साथ ही श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का षष्टम पाटोत्सव के अवसर पर मंदिर का विशेत्नष श्रृंगार एवं महाआरती तथा कथा विश्राम के पश्चात महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा। शर्मा ने क्षेत्र के समस्त धर्म प्रेमी श्रद्धालु स्त्री एवं पुरुषों से कथा श्रवण कर मंदिर के पाटोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया है।